“देश के दो दृढ़ संकल्पी चेहरे.. भारत की आस्था और प्रशासन, दोनों का संगम।”
“देश के दो दृढ़ संकल्पी चेहरे.. भारत की आस्था और प्रशासन, दोनों का संगम।”
“जब साधु और सेवक एक राह पर हों, तो सत्ता नहीं, सेवा बोलती है।”
“जब साधु और सेवक एक राह पर हों, तो सत्ता नहीं, सेवा बोलती है।”
