पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित द्वितीय दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि भारत की माननीया राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने विश्वविद्यालय के स्नातक, परास्नातक एवं शोधार्थियों को उपाधियाँ और स्वर्ण पदक प्रदान किए। माननीया राष्ट्रपति महोदया ने कहा कि योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के क्षेत्र में पतंजलि ने जो कार्य किया है, वह महर्षि पतंजलि की परंपरा को आगे बढ़ाने का महान प्रयास है।इस विश्वविद्यालय में शिक्षा के साथ संस्कार, विज्ञान के साथ आध्यात्म और ज्ञान के साथ व्यवहार का अद्भुत समन्वय है, जो ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना को साकार करता है। इस अवसर पर उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे तपस्या, सरलता और कर्तव्यनिष्ठा को अपने जीवन का आधार बनाएं और भागीरथी की तरह कठिन परिश्रम कर समाज और राष्ट्र के उत्थान में योगदान दें। पतंजलि विश्वविद्यालय ने व्यक्ति निर्माण के माध्यम से राष्ट्र निर्माण का मार्ग अपनाया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी विज्ञान और अध्यात्म के समन्वय से आदर्श जीवन निर्माण में सहायक होंगे और पूरे विश्व में योग, प्राणायाम और भारतीय जीवनदर्शन का प्रसार कर भारत को पुनः विश्व गुरु बनाएंगे।
विशिष्ट अतिथि एवं उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि) गुरमीत सिंह जी ने अपने संबोधन में कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने योग और आयुर्वेद के क्षेत्र में जो योगदान दिया है, वह अभूतपूर्व है, योग और आयुर्वेद के माध्यम से पतंजलि ने स्वास्थ्य क्षेत्र में एक नई क्रांति ला दी है तथा यह देखकर प्रसन्नता होती है कि आज के युवा प्राचीन भारतीय ज्ञान परंपरा, योग, आयुर्वेद और अध्यात्म को अपनाने के लिए उत्सुक हैं। राज्यपाल महोदय ने कहा कि विद्यार्थी तभी सफल माने जाएंगे जब उनका ज्ञान और शिक्षा समाज के कल्याण में प्रयुक्त होगी। भारतीय संस्कृति और परंपरा आज भी सबसे प्रासंगिक है और आने वाले समय में यही विद्यार्थी विकसित भारत के निर्माण में अपना अमूल्य योगदान देंगे।
इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी ने अपने संबोधन में कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय का यह आयोजन पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने पूज्य स्वामी रामदेव जी महाराज और पतंजलि के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार नई शिक्षा नीति को लागू कर उत्तराखंड को शोध, नवाचार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास जताया कि सर्वश्रेष्ठ उत्तराखंड के निर्माण के इस संकल्प में पतंजलि विश्वविद्यालय के विद्यार्थी भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

