एक ऐसी शादी है जिसमें दोनों साथी एक-दूसरे की सहमति से, अन्य लोगों के साथ रोमांटिक या यौन संबंध बनाने की अनुमति देते हैं। यह पारंपरिक एकांगी विवाह से अलग है और इसमें भागीदारों को अपनी प्राथमिक शादी को बनाए रखते हुए अपने रिश्ते के बाहर यौन और भावनात्मक संबंध बनाने की स्वतंत्रता दी जाती है। इस तरह के रिश्तों को सफल बनाने के लिए आपसी सहमति, स्पष्ट नियम और निरंतर खुला संवाद बहुत जरूरी होता है !! अब ऐसी पसंद हमारे समाज की जरूरत तो नहीं है, आजकल के युवाओं की पसंद और जरूरत दोनों बनती जा रही है,ये स्त्री और पुरुष के बीच की प्रतिस्पर्धा उन्हें कहा तक लेकर आई है, और आगे कहां तक जाएगी इसका अंदाजा हम ऐसी सोच और बदलाव से ही लगा सकते हैं, धीरे धीरे करके मनुष्यों ने अपना कदम विनाश की ओर ही बढ़ाना शुरू किया है,वह दिन दूर नहीं,जब हम एक दिन विलुप्त प्राणी बन जाएंगे . रेनू शुक्ला विधि एवं मनोविज्ञान विशेषज्ञ दिल्ली

