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योगी की पुलिस बन रही संकट मोचन!

ByAajkijankirti

Sep 29, 2025

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश में जहां विकास की गंगा को लगातार बहाने का कार्य कर रहे हैं । वहीं शासन प्रशासन के उच्च अधिकारियों को भी विशेष तौर पर जनहित के विकास कार्य को लेकर दिशा निर्देश देने का कार्य कर रहे हैं। इसी कड़ी में देखा जा रहा है कि जहां छोटे-छोटे मासूम बच्चों के लिए पुलिस आजकल संकट मोचन की भूमिका निभाती हुई नजर आई है। जहां पुलिस के द्वारा ऑपरेशन स्माइल में हजारों बच्चों को बरामद कर उनके परिवार से मिलाकर उनके परिवार में खुशी देने का कार्य कर रही है, तो वही काफी संख्या में छोटे-छोटे मासूम बच्चे ट्रैफिक पॉइंट, रेलवे स्टेशन, बस अड्डा और सार्वजनिक चौराहा के आसपास भीख मांगते हुए देखे जाते हैं। हालांकि पुलिस के द्वारा ऐसे बच्चों को उन्हें विशेष तौर पर उनके परिवार से मिलाकर समझाने बुझाने का कार्य करती हुई दिखाई देती है। मगर सवाल बार-बार खड़ा होता है कि आखिर इन बच्चों से भीख मंगवाता कौन है, इस और भी ध्यान देने की सख्त जरूरत है।

जानकारी के अनुसार बता दें कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे जहां देश के भविष्य को उज्जवल कर देश की प्रगति में एक अहम कड़ी माने जाते हैं। वहीं छोटे-छोटे मासूम बच्चों के लिए पुलिस जहां संकट मोचन का फर्ज निभाते हुए इंसानियत और मानवता का फर्ज अदा कर रही है। वहीं इस और जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को भी विशेष रूप से ध्यान देने की सख्त जरूरत है, यानी कि कहीं ना कहीं श्रम विभाग की टीम को छोटे-छोटे मासूम बच्चों जो सड़कों पर भीख मांगते नजर आने पर उनके लिए विशेष तौर पर इंतजाम करने होंगे। जिससे कि देश का भविष्य सड़कों पर भीख मांगता हुआ नजर ना आए, बल्कि पढ़ लिखकर सरकार में भागीदार बने। छोटे-छोटे मासूम बच्चे जब ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगते हुए नजर आते हैं तो कहीं ना कहीं इंसानियत और मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आता है । लोगों से मिली जानकारी के अनुसार की कुछ गैंग भी ऐसे सक्रिय हैं जो छोटे-छोटे बच्चों को साथ रखकर ह्यूमन ट्रैफिकिंग जैसा कार्य करते हैं। और मासूम बच्चों से भीख मंगवाने का कार्य भी कराते हुए नजर आते थे। फिलहाल इस तरह के मामले आजकल कम नजर आ रहे हैं। मगर कुछ परिवार ऐसे हैं जो खुद तो भीख मांगते ही है अपने छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भी ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगने के लिए छोड़ देते हैं, यानी सब कुछ होने के बावजूद भी वह बच्चों को भीख मांगने के लिए छोड़कर कहीं ना कहीं आम इंसान और मानवता को भी शर्मसार कर रहे हैं। रेलवे स्टेशन, बस अड्डे और चौराहे पर बड़ी तादाद में छोटे-छोटे मासूम बच्चे भीख मांगते हैं। रेलवे स्टेशन बस अड्डा और चौराहे पर आजकल छोटे-छोटे मासूम बच्चे जहां नशे की हालत में भीख मांगते हुए नजर आते हैं, तो वहीं कहीं ना कहीं इस तरह के लोग उन्हें पूरी तरह सपोर्ट भी करते है। कुछ लोग छोटे-छोटे मासूम बच्चों को साथ रखकर पहले उन्हें नशे की आदत में डालने का कार्य करते फिर उन्हें भीख मांगने पर छोड़ देते है और शाम को उन्हें गाड़ी में ले जाने का मामले भी लगातार सामने आते हैं । फिलहाल जिला प्रशासन को इस तरह के मामलों पर विशेष तौर पर निगाह भी रखनी होगी और रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाले बच्चों बस अड्डे पर नशे की हालत पर बैठे मासूम बच्चे और चौराहों पर भीख मांगने वाले छोटे-छोटे मासूम बच्चों को बाल आश्रम में रखकर उन्हें शिक्षा दिलाने पर भी विशेष ध्यान देना होगा । जिससे कि देश का भविष्य आने वाले समय में पढ़ लिखकर देश की प्रगति में अहम रोल अदा करें।
कुछ छोटे बच्चे घर परिवार से नाराज होकर भी घर से चले जाते हैं और वह होटल, दुकान, मकान, फैक्ट्री में कार्य करने लगते हैं । बाल श्रम विभाग को इस बीच विशेष रूप से ध्यान देना होगा और छोटे-छोटे मासूम बच्चों की शिक्षा पर विशेष रूप से निगाह रखनी होगी और होटल, दुकान, मकान पर कार्य करने वाले मासूम बच्चों को शिक्षा दिलानी होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आजकल एक ट्रेंड और चल रहा है कि गांव देहात में छोटे-छोटे बच्चे ई रिक्शा भी चलाते हुए नजर आएंगे। घर परिवार में माता-पिता भी कार्य करते हैं और छोटे-छोटे बच्चों को ई रिक्शा चलाने पर मजबूर करते हैं। जिससे कि घर परिवार और अच्छा चल सके, जिला प्रशासन को ऐसे मामलों में भी विशेष रूप से ध्यान देना होगा और परिवार को भी समझना होगा, यानी कि ऐसे परिवार की काउंसलिंग करानी होगी जिससे कि छोटे-छोटे मासूम बच्चे भी शिक्षा प्राप्त कर देश के लिए कुछ कर गुजरने की कुव्वत रख सके। कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि कुछ गरीब परिवार ऐसे भी हैं जिनकी माता-पिता में विवाद रहता है। मां सुबह को अपने परिवार को पालने के लिए झाड़ू पोछा करने चली जाती है। वही पिता शराब के नशे में पूरे दिन घर में पड़े रहते हैं और छोटे-छोटे मासूम बच्चों को भीख मांगने के लिए घर से भेज देते हैं और जो उनकी कमाई होती है उससे अपने शौक को पूरा किया जाता है। इस तरह के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं। यानी कि कहीं ना कहीं देश के भविष्य से भीख मंगवाने का कार्य ऐसे परिवार भी करते हुए नजर आते हैं। गांव देहात से लेकर शहर तक इस तरह के अनगिनत मामले सामने आए हैं । जिससे पिता घर में अपने शौक पूरे कर बच्चों से भीख मंगवाते हैं।

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