प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की महत्वकांक्षी योजना महिला सुरक्षा और महिला सशक्तिकरण के अंतर्गत चलाए जा रहे मिशन शक्ति 5.0 कार्यक्रम के अंतर्गत कमिश्नरेट गाजियाबाद की महिला पुलिस ने वह कर दिखाया जिसकी उम्मीद नहीं की जा सकती थी, यानी की महिला पुलिस ने प्रदेश में पहला बदमाशों के साथ मुठभेड़ किया। जिसकी चर्चा पूरे उत्तर प्रदेश में दिखाई देने लगी। हालांकि इसी पैटर्न पर अब अन्य जनपद की पुलिस भी कार्य करते हुए नजर आ रही है। पुलिस सूत्रों ने नाम न छापने की शर्त पर जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस कमिश्नर के आदेश और निर्देश के बाद गाजियाबाद में महिला पुलिस किसी से कम नहीं दिखाई दे रही है। जहां एसीपी महिला अधिकारी मोर्चे पर रहकर महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देते हुए जागरूकता ला रही हैं। वहीं महिला थाने की थाना प्रभारी के नेतृत्व में महिला पुलिस द्वारा बदमाश से मुठभेड़ कर महिला पुलिस के कार्य प्रणाली में चार चांद लगाने का कार्य किया। पुलिस सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि कमिश्नरेट में पुलिस के अधिकारियों के निर्देशन में महिला पुलिस कंधे से कंधा मिलाकर महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति के अंतर्गत कार्यक्रम में बेहतर कार्य कर रही है। हालांकि एसीपी मसूरी, एसीपी वेवसिटी, एसीपी नन्दग्राम फील्ड में रहकर पिंक बूथ, महिला हेल्प डेस्क पर तैनात महिला पुलिस कर्मचारियों को लेकर वही एंटी रोमियो स्क्वायड टीम को साथ लेकर स्कूल कॉलेज में छात्राओं और अध्यापिकाओं के साथ-साथ महिलाओं में भी जागरूकता लाने का कार्य करती हुई दिखाई दे रही हैं । पुलिस सूत्रों ने बताया कि कमिश्नरेट में महिला पुलिस की अधिकारी व कर्मचारी जिस तरह कार्य कर रही है । उससे महिलाओं में भी जागरूकता आती हुई दिखाई दी है। फिलहाल महिला सशक्तिकरण एवं मिशन शक्ति के अंतर्गत कमिश्नरेट में कार्यक्रम परवान चढ़ता हुआ नजर आया। इसका सबसे बड़ा कारण है कि पुलिस के अधिकारी खुद मोर्चे पर रहकर कार्यक्रम को चार चांद लगा रहे हैं । इससे एक अच्छी पहल और अच्छा आयोजन भी माना जा रहा है। पुलिस सूत्रों ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस के अधिकारियों को एक बात पर और विशेष रूप से ध्यान देना होगा, क्योंकि कुछ असामाजिक तत्व किस्म के लोग महिला सशक्तिकरण और मिशन शक्ति के इस अभियान में कहीं ना कहीं गलत इस्तेमाल न कर लें और अपना पर्सनल हित साधने के उद्देश्य से फर्जी मुकदमे ना दर्ज करा दे, इस पर भी विशेष रूप से ध्यान देना होगा। क्योंकि थाना अध्यक्ष व विवेचक मुकदमा दर्ज होने के बाद अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में लग जाते हैं, कहीं उनकी कुर्सी पर दाग में लग जाए, ऐसे मामलों पर पुलिस के अधिकारियों को भी खासकर महिला अधिकारियों को विशेष तौर पर ध्यान देना होगा, इस तरह के मामले की शिकायत मिलने पर या मुकदमा दर्ज होने के उपरांत शिकायत पर निष्पक्ष रूप से जांच पड़ताल करानी होगी। जिससे कि निर्दोषों को जेल जाने से भी बचाया जा सके, फिलहाल मिशन शक्ति कार्यक्रम पूरी तरह परवान चढ़ता हुआ नजर आया है। शासन के आदेश और उच्च अधिकारियो के निर्देशन में पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी और महिला पुलिस कर्मचारी व अधिकारी बेहतर कार्य कर रहे हैं।
